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(SK Sodha Iqbal SK, INDIAN River of Knowledge: UPSC & Historical Insights),

(SK Sodha Iqbal SK, INDIAN River of Knowledge: UPSC & Historical Insights),

著者: (SK Sodha Iqbal'SK INDIAN River of Knowledge: UPSC & Historical Insights)
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IAS, IPS, IFS, IRS, IA&AS, ICAS, ICLS, IDAS, IDES, IIS, IPoS, IP&TAFS, IRPFS, IRMS, ITrS. "I am S.K. Sodha Iqbal S.K. Indian. I teach all these subjects completely free of charge. I want to make this education very common in India so that everyone can study it, especially children from poor families. So, let's come together and do something great.""In my online coaching classes, all subjects are taught in full detail, and all of them are completely free.""I speak on each subject for 60-80 minutes, teaching in full detail and depth." (SK, SODHA IQBAL SK INDIAN) From India kutch Gujarat(SK Sodha Iqbal'SK, INDIAN River of Knowledge: UPSC & Historical Insights) アート
エピソード
  • भारतीय संविधान की यात्रा: थीम 1- संविधान का ऐतिहासिक आधार और निर्माण
    2025/07/13
    SK सोढा इकबाल SK, INDIANIभारतीय संविधान की यात्रा: थीम 1- संविधान का ऐतिहासिक आधार और निर्माणभारत के संविधान को समझना, उसके ऐतिहासिक जड़ों को समझे बिना अधूरा है। यह केवल एक कानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक-राजनीतिक आंदोलनों और विविध विषयों का परिचायक है।1.1 ऐतिहासिक पृष्ठभूमिभारतीय संविधान का जन्म एक दिन में नहीं हुआ था। इसकी नींव कई शताब्दियों के औपनिवेशिक शासन, संघर्ष और सुधारों में निहित है। ब्रिटिश शासन के दौरान पारित विभिन्न अधिनियमों ने धीरे-धीरे भारत में संवैधानिक और प्रशासनिक ढांचे को आकार दिया।1.1.1 कंपनी शासन (1773-1858) के दौरान संवैधानिक विकासयह वह अवधि थी जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत पर शासन कर रही थी, और ब्रिटिश संसद ने कंपनी के मामलों को विनियमित करने के लिए कानून बनाना शुरू कर दिया था।* रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 (Regulating Act, 1773):* धारा का काम: यह ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियंत्रित और विनियमित करने का पहला कदम था। इसका उद्देश्य कंपनी के कुप्रशासन को समाप्त करना था।* विस्तार से:* इसमें बंगाल के गवर्नर को 'बंगाल का गवर्नर-जनरल' बना दिया और उसकी सहायता के लिए एक चार सदस्यीय कार्यकारी परिषद का गठन किया। लॉर्ड वॉरेन हेस्टिंग्स बंगाल के पहले गवर्नर-जनरल बने।* इसमें बंबई (बॉम्बे) और मद्रास के गवर्नरों को बंगाल के गवर्नर-जनरल के अधीन कर दिया। इस प्रकार, इसमें भारत में केंद्रीकरण की नींव रखी।* इस अधिनियम ने 1774 में कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) की स्थापना का प्रावधान किया, जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य न्यायाधीश शामिल थे।* इसमें कंपनी के सेवकों को निजी व्यापार करने या भारतीयों से उपहार और रिश्वत लेने पर प्रतिबंध लगा दिया।* इसमें ब्रिटिश सरकार को कंपनी के राजस्व, नागरिक और सैन्य मामलों पर नियंत्रण मजबूत करने में मदद की।* पिट्स इंडिया एक्ट, 1784 (Pitt's India Act, 1784):* धारा का काम: यह रेगुलेटिंग एक्ट की कमियों को दूर करने और कंपनी के प्रशासन पर ब्रिटिश सरकार के नियंत्रण को और मजबूत करने के लिए लाया गया था।* विस्तार से:* इसमें कंपनी के वाणिज्यिक और राजनीतिक कार्यों को अलग-अलग कर दिया।* वाणिज्यिक मामलों के लिए निदेशक मंडल (Court of Directors) की अनुमति दी गई।* ...
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  • UPSC, मेरा नाम है (SK, सोदाबा इकबाल SK INDIAN), आज हम सीखेंगे 2010 - 2030, आप
    2025/06/28
    UPSC 40 थीम पूर्णUPSC, मेरा नाम है (SK, सोदाबा इकबाल SK INDIAN), आज हम सीखेंगे 2010 - 2030, आप सभी को अब से टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है पढ़ना है। आप यह पढ़ अच्छे से जानते हो कि यह सब सब्जेक्ट पुराने और नए तरीके से सिखाए जाते हैं। वह मैं बहुत अच्छे से जानता हूं और जैसा कि आप सभी को पता है यहां ऑनलाइन क्लासेस होती हैं जिसमें कुछ भी चार्ज नहीं होता है। हम जितने भी सब्जेक्ट में पढ़ते हैं वह सारे के सारे फ्री में होते हैं। पर मैं यह बोलता हूं कि इसका यह मतलब नहीं है कि सिर्फ सीखना नहीं होता है बल्कि सारे सब्जेक्ट में हमको विस्तार से पढ़ाते हैं। अगर आप सभी इसको ईमानदारी से देखेंगे तो आप खुद से सीखा हुआ कभी नहीं भूल पाएंगे तो सबसे पहले हम ओरिजिनल चीज पर आते हैं।मैं आपको एक 100% ओरिजिनल और प्रभावी तरीका बताता हूं, जिसे मैं "थीम-आधारित क्रॉस-लिंकिंग" (Theme-Based Cross-Linking) कहता हूं। यह तरीका आपको रटने के बजाय, हर सवाल के पीछे छिपे कॉन्सेप्ट को समझने और उन्हें आपस में जोड़ने में मदद करेगा।"थीम-आधारित क्रॉस-लिंकिंग" - 2026-2030 के लिए एक नया दृष्टिकोणइस तरीके में हम सवालों को विषय (Subject) के बजाय, थीम (Theme) के आधार पर पढ़ेंगे। यूपीएसी में कुछ ऐसे थीम हैं, जो हर साल बार-बार पूछे जाते हैं, लेकिन सवाल का अंदाज़ बदल जाता है।आइए, इन थीम्स को समझते हैं और हर थीम के लिए एक अलग पढ़ने का तरीका अपनाते हैं:थीम 1: "सरकार की नीतियों और उनका ज़मीनी असर" * पुराना तरीका: आप किसी सरकारी योजना (जैसे प्रधानमंत्री जन धन योजना) को पढ़ते हैं और उसके लक्ष्य और उद्देश्य याद कर लेते हैं। * नया और ओरिजिनल तरीका: * सवाल को चुनौती दें: प्रश्न को चुनौती पूछी गई है, उसे केवल सरकार की उपलब्धि के रूप में न देखें। * क्रॉस-लिंक करें: * GS Paper II (शासन): इस योजना को किस प्रशासनिक ढांचे के तहत लागू किया गया? इसमें क्या चुनौतियां आईं (जैसे भ्रष्टाचार या लाभार्थियों तक न पहुंचना)? * GS Paper III (अर्थव्यवस्था): इस योजना का अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा? इससे वित्तीय समावेशन (financial inclusion) बढ़ा? इसका गरीबी उन्मूलन का क्या योगदान रहा? * GS Paper I (समाज): इस योजना ने समाज के किस वर्ग (जैसे महिलाएं, ग्रामीण लोग) को कैसे प्रभावित किया? क्या इसने लैंगिक असमानता (gender inequality) को कम किया? * भविष्योन्मुखी विश्लेषण: सोचो कि 2030 तक इस योजना को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता ...
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  • यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषय (Optional Subject)
    2025/07/12
    SK सोढा इकबाल SK, INDIAN।आप यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषय (Optional Subject) वाले पेपर के बारे में जानना चाहते हैं। मैं आपको इसे संक्षिप्त और विस्तृत दोनों रूपों में समझाने की कोशिश करता हूँ, जिससे आपको लगे कि पूरा विषय कवर हो गया है।यूपीएससी वैकल्पिक विषय (Optional Subject) पेपर: एक संक्षिप्त अवलोकनयूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में उम्मीदवारों को अपनी पसंद का एक वैकल्पिक विषय चुनना होता है। इस विषय के दो पेपर होते हैं, प्रत्येक 250 अंकों का, कुल 500 अंक। ये अंक अंतिम मेरिट सूची में जोड़े जाते हैं, जिससे वैकल्पिक विषय चयन परीक्षा में सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।वैकल्पिक विषयों की सूची में साहित्य से लेकर विज्ञान, इंजीनियरिंग और सामाजिक विज्ञान तक विभिन्न प्रकार के लगभग 26-28 विषय शामिल होते हैं। उम्मीदवार अपनी रुचि, पृष्ठभूमि, अध्ययन सामग्री की उपलब्धता और विषय के पिछले प्रदर्शन के आधार पर विषय का चुनाव करते हैं।वैकल्पिक विषय का विस्तृत विवरण (Short Form of Discrete with Comprehensive Subject Matter)यूपीएससी के वैकल्पिक विषय को "विस्तार से शॉर्ट फॉर्म ऑफ़ डिस्क्रीट" में समझने के लिए, हम इसे निम्नलिखित बिंदुओं में विभाजित कर सकते हैं:1. विषय का चयन (Subject Selection) * विभिन्न विकल्प: यूपीएससी द्वारा अनुमोदित वैकल्पिक विषयों की एक लंबी सूची है, जिसमें शामिल हैं: * सामाजिक विज्ञान: इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, लोक प्रशासन, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र। * विज्ञान और इंजीनियरिंग: भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित, वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, भूविज्ञान, कृषि, पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग। * साहित्य: हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, बंगाली, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, ओडिया, नेपाली, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, संथाली, सिंधी, आदि। * चयन के मानदंड: उम्मीदवार आमतौर पर इन मानदंडों पर विचार करते हैं: * रुचि: विषय में वास्तविक रुचि होनी चाहिए ताकि अध्ययन उबाऊ न लगे। * शैक्षणिक पृष्ठभूमि: यदि आपने स्नातक या स्नातकोत्तर स्तर पर विषय का अध्ययन किया है, तो आपको एक फायदा मिलता है। * अध्ययन सामग्री की उपलब्धता: बाजार ...
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