• Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 78

  • 2025/01/31
  • 再生時間: 1 分
  • ポッドキャスト

Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 78

  • サマリー

  • यह श्लोक श्री भगवद गीता के 3.78 का अंश है। इसमें संजय कहते हैं:

    "जहाँ योगेश्वर श्री कृष्ण हैं और जहाँ अर्जुन जैसे धनुर्धर (बाण चलाने वाले) हैं, वहाँ निश्चित रूप से श्री (समृद्धि), विजय, ऐश्वर्य, स्थिरता और नीति (सिद्धांत) हैं। यह मेरी राय है।"

    संजय यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि जहां भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन होते हैं, वहाँ हमेशा विजय और सफलता होती है। उनका यह कथन यह भी दर्शाता है कि जब धर्म, नीति और ज्ञान के प्रतीक भगवान श्री कृष्ण साथ होते हैं, तो वहाँ हर कार्य में सफलता और समृद्धि मिलती है।

    Here are some hashtags you can use for this shloka:

    #BhagavadGita #Sanjay #Krishna #Arjuna #DivineWisdom #Victory #Success #SpiritualAwakening #GitaShloka #DivineGuidance #Yoga #MoralVictory #SpiritualVictory #AncientPhilosophy #SacredText

    続きを読む 一部表示

あらすじ・解説

यह श्लोक श्री भगवद गीता के 3.78 का अंश है। इसमें संजय कहते हैं:

"जहाँ योगेश्वर श्री कृष्ण हैं और जहाँ अर्जुन जैसे धनुर्धर (बाण चलाने वाले) हैं, वहाँ निश्चित रूप से श्री (समृद्धि), विजय, ऐश्वर्य, स्थिरता और नीति (सिद्धांत) हैं। यह मेरी राय है।"

संजय यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि जहां भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन होते हैं, वहाँ हमेशा विजय और सफलता होती है। उनका यह कथन यह भी दर्शाता है कि जब धर्म, नीति और ज्ञान के प्रतीक भगवान श्री कृष्ण साथ होते हैं, तो वहाँ हर कार्य में सफलता और समृद्धि मिलती है।

Here are some hashtags you can use for this shloka:

#BhagavadGita #Sanjay #Krishna #Arjuna #DivineWisdom #Victory #Success #SpiritualAwakening #GitaShloka #DivineGuidance #Yoga #MoralVictory #SpiritualVictory #AncientPhilosophy #SacredText

activate_buybox_copy_target_t1

Shri Bhagavad Gita Chapter 18 | श्री भगवद गीता अध्याय 18 | श्लोक 78に寄せられたリスナーの声

カスタマーレビュー:以下のタブを選択することで、他のサイトのレビューをご覧になれます。