-
サマリー
あらすじ・解説
यह श्लोक श्री भगवद गीता के 3.72 का अंश है। इसमें भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से पूछते हैं:
"क्या तुमने जो कुछ सुना है, उसे अपनी एकाग्रचित्तता से स्वीकार किया है? क्या तुम्हारा अज्ञान और मोह समाप्त हो गया है, हे धनंजय?"
यह श्लोक अर्जुन के मन की स्थिति और उसकी समझ को स्पष्ट करने के लिए है। भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से यह जानना चाहते हैं कि क्या वह उनके उपदेशों को अपने मन में ठीक से समझ पाया है और क्या उसका अज्ञान और भ्रम दूर हो चुका है।
#BhagavadGita #Shloka #Hinduism #SpiritualWisdom #DivineTeachings #Krishna #Arjuna #AncientWisdom #Yoga #Meditation #IndianPhilosophy #Mindfulness #SelfAwareness #GitaVerse #Jñana #SelfRealization #InnerPeace
activate_buybox_copy_target_t1