エピソード

  • Nepal Anti-Monarchy protest की ज़मीनी हक़ीक़त, China संग Flirt और India से बदलते रिश्ते: पढ़ाकू नितिन, Ep 210
    2025/06/09
    हमारी दादी-नानी की कहानियों में अक्सर राजाओं और रानियों का ज़िक्र आता रहा है. आज आधी से ज़्यादा दुनिया के लिए भी राजशाही हिस्ट्री है, कहानी है. लेकिन ख़बरें बताती हैं कि भारत के पड़ोस में एक देश ऐसा है जहां राजशाही आकांक्षा है, कम से कम एक वर्ग के लिए तो है. नेपाल. जहां मई 2025 ख़त्म होते होते लोग सड़कों पर उतर आए. मांग थी केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को हटाया जाए. राजशाही वापस लाई जाए. नेपाल को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाए. लेकिन इस पर चर्चा क्यों ज़रूरी है? क्योंकि बारिश में नेपाल भीगता है, छींक भारत को आती है. भारत-नेपाल का रिश्ता ही ऐसा नज़र आता है. या कहिए कि आता था. क्योंकि एक एंगल चीन भी है. तो पढ़ाकू नितिन के इस एपिसोड में नेपाल की राजशाही की मांग और उसकी Complexity को खोलेंगे. समझेंगे कि नेपाल दरअसल चाहता क्या है? अपने आप से और दुनिया से? क्या वाकई नेपाल एक हिंदू राष्ट्र बनना चाहता है? यानि इन शोर्ट भारत-नेपाल-चीन के तिकोने रिश्ते की पेचीदगियां. और इस सफ़र में हमारे साथ हैं डॉ. महेंद्र पी. लामा. जेएनयू में इंटरनेशनल रिलेशंस के सीनियर प्रोफेसर, सिक्किम सरकार के चीफ़ इकोनॉमिक एडवाइज़र, NSA बोर्ड के पूर्व सलाहकार सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ सिक्किम के फाउंडिंग वाइस चांसलर और भारत-नेपाल के साझा Eminent Persons Group के अहम सदस्य. इतना ही नहीं—ऐतिहासिक नाथू ला ट्रेड रूट को दोबारा खोलने का श्रेय भी इन्हें ही जाता है. मतलब डॉ. महेंद्र पी. लामा ने नेपाल को नज़दीक से देखा, समझा और जिया है. समझिए नेपाल की ये नई-पुरानी चाह, उसकी जड़ें, उसका भूगोल और उसकी राजनीति पढ़ाकू नितिन के साथ. In our grandmother's stories, we often heard tales of kings and queens. For more than half the world today, monarchy is just that—a story, a thing of the past. But news coming from India’s neighborhood tells a different tale. In Nepal, as May 2025 drew to a close, people took to the streets. Their demands? The removal of the KP Sharma Oli-led coalition government, the restoration of the monarchy, and the declaration of Nepal as a Hindu nation. Why is this discussion important? Because when it rains in Nepal, India catches a cold. That’s how closely tied the two countries have been—or perhaps, were. And now, there's also a Chinese angle. In this episode of Padhaku Nitin, we unpack the demand for monarchy in Nepal and its many complexities. What does Nepal really want—from itself and from the world? Does it truly aspire to become a Hindu nation? In short, we dive deep into the triangular relationship between India, Nepal, and China. Joining us on this journey is Dr. Mahendra P. Lama—senior professor of International Relations at JNU, former Chief Economic Advisor to the Government of Sikkim, ex-advisor to the NSA Board, founding Vice Chancellor of the Central University of Sikkim, and a key member of the India-Nepal Eminent Persons Group. He also played a pivotal role in reopening the historic Nathu La Trade Route. Which means—Dr. Lama has not just studied Nepal, he has lived it, shaped it, and understood its ...
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    1 時間 23 分
  • Air Chief Marshal को क्यों HAL पर भरोसा नहीं और Drone Tech में क्यों पिछड़ रहा India?: पढ़ाकू नितिन, Ep 209
    2025/06/04
    Air Chief Marshal Amar Preet Singh ने दिल्ली के मंच से HAL पर सीधा निशाना साधा और कहा- HAL से नहीं हो पा रहा है. ये सिर्फ टेक्निकल नहीं, एक नीतिगत चेतावनी है. इस एपिसोड में बात होगी, HAL की सुस्ती, अधूरे प्रोजेक्ट्स, भरोसे की गिरती साख और भविष्य के ड्रोन युद्ध की तैयारी पर. हमसे जुड़ रहे हैं वरिष्ठ रक्षा पत्रकार संदीप उन्नीथन। पढ़ाकू नितिन में हमने उनसे पूछा- HAL की धीमी रफ्तार का बोझ क्या सैनिक उठा रहे हैं, भारत ड्रोन रेस में क्यों पिछड़ रहा है और क्या प्राइवेट प्लेयर्स सेना को नई रफ्तार दे सकते हैं? सुनिए, 'पढ़ाकू नितिन' में.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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    1 時間 5 分
  • Bangladesh की India से नाराज़गी, Yunus का Election Plan और Chicken Neck की चिंता: पढ़ाकू नितिन, Ep 208
    2025/05/29
    बांग्लादेश में संसद खत्म, सड़कों पर सेना और सत्ता एक ऐसे शख्स के हाथ में, जिसे जनता ने चुना ही नहीं, नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस. शेख़ हसीना नज़र नहीं आ रहीं. तो क्या यूनुस सत्ता में लाए गए हैं? अगर हां, तो अमेरिका, चीन या किसी और के इशारे पर? भारत क्यों चुप है लेकिन बेचैन भी? इस एपिसोड में जानिए बांग्लादेश की मौजूदा राजनीति, अमेरिका-चीन की चालें और भारत की चिंता, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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    1 時間 8 分
  • Nehru से लेकर Modi तक को Bose का सच मालूम, Plane Crash की कहानी क्यों गढ़ी गई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 207
    2025/05/22
    अनुज धर — वो नाम जिन्होंने नेताजी की मौत के रहस्य को अपनी ज़िंदगी का मिशन बना लिया. बीते 25 सालों में उन्होंने नेताजी पर कई किताबें लिखीं — ‘What Happened to Netaji’, ‘Conundrum’, ‘The Bose Deception’ — जिनमें हैं दस्तावेज़, सबूत और वो सवाल जो अब तक अनसुने रहे. उनका मानना है कि 18 अगस्त 1945 को नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई थी. आज हमने अनुज धर को अपने पॉडकास्ट में बुलाया और उनसे सीधे सवाल किए — सरकारी कहानी पर उन्हें शक क्यों है, असल में उस दिन हुआ क्या था और वो कौन लोग हैं जो नेताजी का सच छुपा रहे हैं, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.
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    1 時間 51 分
  • Turkey-Pakistan का भाईचार, Erdogan का Islamic Agenda और India का करारा जवाब: Padhaku Nitin
    2025/05/19
    एक वक्त था जब तुर्की भारत का करीबी माना जाता था, व्यापार, पर्यटन और संस्कृति—हर मोर्चे पर रिश्ते मज़बूत हो रहे थे. वही तुर्की भारत के लिए एक कूटनीतिक और वैचारिक चुनौती बनता जा रहा है. चाहे कश्मीर का मुद्दा हो या संयुक्त राष्ट्र का मंच—तुर्की अक्सर पाकिस्तान के साथ खड़ा दिखता है. एर्दोगान अब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक ऐसी विचारधारा के प्रतिनिधि हैं जो 'खिलाफ़त' को नई ज़मीन देना चाहती है, दक्षिण एशिया तक.
    तो सवाल ये है—
    क्या तुर्की का ये रुख सिर्फ डिप्लोमेसी है या कोई गहरा एजेंडा?
    क्या तुर्की-पाकिस्तान-चीन की तिकड़ी भारत के लिए नई चुनौती बन रही है?
    आज पढ़ाकू नितिन में हमारे साथ हैं वरिष्ठ पत्रकार और विदेश मामलों के जानकार प्रकाश के रे. बात करेंगे एर्दोगान की रणनीति, तुर्की की वैचारिक राजनीति और इसके असर पर भारत, पाकिस्तान और इज़रायल जैसे देशों के साथ, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में
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    1 時間 8 分
  • इंसाफ में देरी की वजह जजों और पैसों की कमी नहीं... कुछ और है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 205
    2025/05/15
    इंग्लैंड के प्रधानमंत्री विलियम ग्लैडस्टन ने कहा था—“Justice delayed is justice denied.” यानि अगर न्याय मिलने में देर हो जाए, तो समझिए वो मिला ही नहीं, अब भारत की हकीकत देखिए—हाई कोर्ट में औसतन 5 से 6 साल लगते हैं फैसले में और ज़िला अदालतों में तो 10 साल तक भी. पटना हाई कोर्ट में एक केस को सुनने का औसत समय? सिर्फ़ दो मिनट! ऐसे में आम आदमी की ज़िंदगी अदालतों के चक्कर लगाते ही बीत जाती है.
    'पढ़ाकू नितिन’ के इस एपिसोड में हम बात कर रहे हैं न्याय में देरी की उस गंभीर समस्या की, जो लोगों का सिस्टम से भरोसा तोड़ रही है. हमारे साथ हैं ‘तारीख़ पर जस्टिस’ किताब के लेखक प्रशांत रेड्डी और चित्राक्षी जैन, जो बताएंगे जजों की कमी और उनकी बढ़ती उम्र क्यों है चिंता की बात, ज़िला अदालतों के जज किससे डरते हैं, और न्यायपालिका में पारदर्शिता की इतनी कमी क्यों है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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    1 時間 10 分
  • India-Pakistan War का Objective, POK की पेचीदगी, Turkey का सपना और West की चुप्पी: पढ़ाकू नितिन, Ep 204
    2025/05/09
    भारत ने बोलने का नहीं, दिखाने का रास्ता चुना, पहलगाम में हुआ हमला सिर्फ एक आतंकी हरकत नहीं थी, वो एक साजिश थी, भारत को उकसाने की और भारत ने इसका जवाब दिया ऑपरेशन सिंदूर से, ये ऑपरेशन खास था, 9 आतंकी अड्डों पर एक साथ हमला और उनमें से कई जगहें वो थीं जिनका नाम आप सालों से सुनते आए हैं- मुरीदके, बहरावल. जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़. रिपोर्ट्स कहती हैं कि करीब 100 आतंकवादी मारे गए, लेकिन असल कहानी इससे कहीं आगे की है…पाकिस्तान आगे क्या करेगा? भारत की रणनीति क्या होगी ये सवाल लगातार पूछे जा रहे हैं और इनके जवाब तलाशने की कोशिश चल रही है. हमारे साथ हैं डॉ. अभिनव पांड्या, जैश-ए-मुहम्मद और आतंकवाद पर इनका गहन अध्यन है, किताबें भी लिखी हैं, पढ़ाकू नितिन में भी पहले आ चुके हैं. आज के एपिसोड में हमने पांड्या से पूछा- पाकिस्तान की आवाम क्यों आतंकवाद पर चुप है, भारत को किस हद तक पाकिस्तान को पीछे घकेलना चाहिए, तुर्किए ने क्यों पाकिस्तान का हाथ थामे रखा है और भारत की विदेश नीति क्या सही दिशा में आगे बढ़ रही है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.
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    1 時間
  • Operation Sindoor का लक्ष्य, POK में तिरंगा, Pakistan का इलाज और China की जंग से दूरी: पढ़ाकू नितिन, Ep 203
    2025/05/08
    पहलगाम की शांत वादियों में हुआ हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, एक बयान था — ज़ख़्म कुरेदने की कोशिश. जवाब मिला ऑपरेशन सिंदूर से, जो सीमित दिखा पर गहरा संदेश लेकर आया. भारत-पाक तनाव नया नहीं है लेकिन अब लड़ाई ड्रोन, साइबर और सोशल मीडिया के मोर्चे पर भी हो रही है. ऐसे दौर में सबसे बड़ा सवाल है — क्या हम तैयार हैं? आज हमारे साथ हैं मेजर एल. एस. चौधरी — कीर्ति चक्र विजेता, जिन्होंने कश्मीर में आतंक के ख़िलाफ़ कई सफल ऑपरेशन लीड किए. एक हमले में पांच आतंकियों को ढेर किया, खुद घायल हुए। आज वो युवाओं को सिखा रहे हैं- Warrior Mindset, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
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    55 分