『इक तुम हो कि शोहरत की हवस ही नहीं जाती इक हम हैं कि हर शोर से उकताए हुए हैं』のカバーアート

इक तुम हो कि शोहरत की हवस ही नहीं जाती इक हम हैं कि हर शोर से उकताए हुए हैं

इक तुम हो कि शोहरत की हवस ही नहीं जाती इक हम हैं कि हर शोर से उकताए हुए हैं

無料で聴く

ポッドキャストの詳細を見る

このコンテンツについて

सब जिनके लिए झोलियां फैलाए हुए हैं

वो रंग मेरी आंख के ठुकराए हुए हैं


इक तुम हो कि शोहरत की हवस ही नहीं जाती

इक हम हैं कि हर शोर से उकताए हुए हैं


दो चार सवालात में खुलने के नहीं हम

ये उक़दे तेरे हाथ के उलझाए हुए हैं


अब किसके लिए लाए हो ये चांद सितारे

हम ख़्वाब की दुनिया से निकल आए हुए हैं


हर बात को बेवजह उदासी पे ना डालो

हम फूल किसी वजह से कुम्हलाए हुए हैं


कुछ भी तेरी दुनिया में नया ही नहीं लगता

लगता है कि पहले भी यहां आए हुए हैं


है देखने वालों के लिए और ही दुनिया

जो देख नहीं सकते वो घबराए हुए हैं


सब दिल से यहां तेरे तरफ़दार नहीं हैं

कुछ सिर्फ़ मिरे बुग़्ज़ में भी आए हुए हैं


फ़रीहा नक़वी

まだレビューはありません