• 7. पानी और आत्मा के सुसमाचार के लिए गाँठ (निर्गमन २५:३१-४०)

  • 2022/12/09
  • 再生時間: 43 分
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7. पानी और आत्मा के सुसमाचार के लिए गाँठ (निर्गमन २५:३१-४०)

  • サマリー

  • यह भाग तम्बू के दीवट का वर्णन करता है। आज मैं पुष्पकोश, फूल और दीपक के आत्मिक मतलब का वर्णन करूंगा। परमेश्वर ने सबसे पहले मूसा को सोने से दीवट की डंडिया बनाने का आदेश दिया था। इसलिए पहले डंडियों को बनाया गया, और फिर इन डंडियों से डालियों को बनाया गया। दीवट की प्रत्येक बाजू से तिन डालियाँ निकलती थी, और प्रत्येक डालियों पर बादाम के फूल के समान तिन पुष्पकोश बने थे, और फिर गांठ और फूल बनाए गए। इस तरह, डालियों के ऊपर सात दीपक को रखे गए थे। फिर उजियाला करने के लिए इन दीपकों के अन्दर तेल डाला गया। इस प्रकार दीवट पवित्र स्थान के अन्दर के भाग को और सारे पात्र को प्रकाशित करता था।

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あらすじ・解説

यह भाग तम्बू के दीवट का वर्णन करता है। आज मैं पुष्पकोश, फूल और दीपक के आत्मिक मतलब का वर्णन करूंगा। परमेश्वर ने सबसे पहले मूसा को सोने से दीवट की डंडिया बनाने का आदेश दिया था। इसलिए पहले डंडियों को बनाया गया, और फिर इन डंडियों से डालियों को बनाया गया। दीवट की प्रत्येक बाजू से तिन डालियाँ निकलती थी, और प्रत्येक डालियों पर बादाम के फूल के समान तिन पुष्पकोश बने थे, और फिर गांठ और फूल बनाए गए। इस तरह, डालियों के ऊपर सात दीपक को रखे गए थे। फिर उजियाला करने के लिए इन दीपकों के अन्दर तेल डाला गया। इस प्रकार दीवट पवित्र स्थान के अन्दर के भाग को और सारे पात्र को प्रकाशित करता था।

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