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4th Day Shri Durga Saptshati Path Adhyay 5,6,7 and 8 by Ashish P Mishra
- 2024/10/05
- 再生時間: 40 分
- ポッドキャスト
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サマリー
あらすじ・解説
चतुर्थ दिन - श्रीदुर्गासप्तशती अध्याय 5,6,7 व 8 instagram https://www.instagram.com/ashishpmishra/ Youtube Youtube : https://www.youtube.com/@sanatansudha Today, on the fourth day of Navratri, we will listen to chapters 5, 6, 7, and 8 of Sri Shri Durga Saptashati. In chapter 5, we will hear about the praise of the Goddess by the Gods, Chand Mund's hearing of the praise from the Goddess, Shumbh's curse upon her, and the messenger returning disappointed. In chapter 6, we will hear the story of the killing of Dhoomralochan. In chapter 7, we will hear the story of the killing of Chand and Mund. In chapter 8, we will hear the story of the killing of Raktbeej. In this episode, we will learn about the profound importance of Durga Saptashati. By reciting Durga Saptashati, one can achieve desired results, and even the biggest crises can be resolved. According to the scriptures, performing the anushthan of Durga Saptashati definitely yields desired outcomes. Just as the Ashwamedha Yagna is the best among the yagnas and Lord Vishnu is the best among the gods, Durga Saptashati is the most revered among all the stotras. It is purifying and provides both worldly pleasures and salvation. Reciting Durga Saptashati a hundred times bestows all kinds of powers. Moreover, reciting it a thousand times bestows permanent wealth and fulfills desires, ultimately leading to liberation. Devotees of the Goddess can experience miraculous changes in their lives by reciting Durga Saptashati with devotion. This Navratri, you too can receive the grace and blessings of Mother Ambika by reading and listening to this recitation. नवरात्रि के चौथे दिन आज हम श्रीदुर्गासप्तशती के 5,6,7 और 8 वें अध्याय सुनेंगे | अध्याय 5 में देवताओं के द्वारा देवी की स्तुति, चंड मुंड के मुख से देवी के रूप की प्रशंसा सुन कर शुम्भ का उनके पास दुत्भाना और दूत का निराश लौटना | अध्याय 6 में धूम्रलोचन वध| अध्याय 7 में चंड – मुंड का वध और अध्याय 8 में रक्तबीज वध की कथा सुनेंगे | इस एपिसोड में हम दुर्गा सप्तशती के गहन महत्व के बारे में जानेंगे। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा इसके पाठ से बड़े से बड़ा संकट भी दूर हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार दुर्गा सप्तशती का अनुष्ठान करने से निश्चित रूप से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार यज्ञों में अश्वमेध यज्ञ श्रेष्ठ है तथा देवताओं में भगवान विष्णु श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार दुर्गा सप्तशती सभी स्तोत्रों में सबसे अधिक पूजनीय है। यह पवित्र करने वाली है तथा सांसारिक सुखों और मोक्ष दोनों को प्रदान करती है। दुर्गा सप्तशती का सौ बार पाठ करने से सभी प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती हैं। इसके अलावा, एक हजार पाठ करने से स्थायी धन की प्राप्ति होती है तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जो अंततः परम मुक्ति का साधन बन जाती हैं। देवी के भक्त भक्तिपूर्वक दुर्गा सप्तशती का पाठ करके अपने जीवन में चमत्कारी परिवर्तन का अनुभव कर सकते हैं। इस नवरात्रि आप भी इस पाठ को पढ़ और सुन कर माता अम्बिका की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करें | #navratri2024 #shridurgasaptshati #...