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संजोग या दैवयोग

著者: Vivek Rao, Rajnish Rao, White Script
ナレーター: Ashish Dave, Manikant Sorbhoy, Aranya Kaur, Yudhvir, Shaily Dubey, Ankit Goswami, Rohan Shukhthankar, Jasbir, Pranav, Pushkar
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  • サマリー

  • देवराज इंद्र का पृथ्वीलोक में आगमन कुछ इस प्रकार होता है कि घबरायी हुयी देवी शकुंतला मूर्छित होकर गिर पड़ती हैं। देवराज इंद्र दैविक विधि से देवी शकुंतला की चेतना लौटाते हैं और भेंटपूर्वक दिव्य रसायन देकर उन्हें अद्भुत शक्ति देते हुए हर्षपूर्वक सूचना देते हैं कि अब असुर दुर्जय के साथ उनके युद्ध का अंत हो चुका है क्यूँकि उनका गंधर्व विवाह असुरों की योजना पे पानी फेर देता है। सबकी मंगलकामना का आशीर्वाद देकर देवराज इंद्र स्वर्गलोक लौट जाते हैं। हस्तिनापुर से मिले समाचार से माधव्य हिचकिचाते हुए सम्राट दुष्यंत को अवगत कराते हैं कि राजमाता ने बुलावा भेजा है। राजमाता का प्राण है बिना सम्राट का मुख देखे उपवास का पारण नहीं करेंगी। सम्राट दुष्यंत बुझे मन से देवी शकुंतला से विदा लेते हैं।
    ©2021 Audible Inc (P)2021 Audible Inc
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あらすじ・解説

देवराज इंद्र का पृथ्वीलोक में आगमन कुछ इस प्रकार होता है कि घबरायी हुयी देवी शकुंतला मूर्छित होकर गिर पड़ती हैं। देवराज इंद्र दैविक विधि से देवी शकुंतला की चेतना लौटाते हैं और भेंटपूर्वक दिव्य रसायन देकर उन्हें अद्भुत शक्ति देते हुए हर्षपूर्वक सूचना देते हैं कि अब असुर दुर्जय के साथ उनके युद्ध का अंत हो चुका है क्यूँकि उनका गंधर्व विवाह असुरों की योजना पे पानी फेर देता है। सबकी मंगलकामना का आशीर्वाद देकर देवराज इंद्र स्वर्गलोक लौट जाते हैं। हस्तिनापुर से मिले समाचार से माधव्य हिचकिचाते हुए सम्राट दुष्यंत को अवगत कराते हैं कि राजमाता ने बुलावा भेजा है। राजमाता का प्राण है बिना सम्राट का मुख देखे उपवास का पारण नहीं करेंगी। सम्राट दुष्यंत बुझे मन से देवी शकुंतला से विदा लेते हैं।
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